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पढाई में पीछे – कमाई में आंगे ( सफ़ल लोगों की कहानियां ) – College Dropouts Success Stories

College Dropouts Success Stories
Written by Nitin Gupta

मात्र शैक्षिक योग्यता ही सफलता का मापदंड नहीं

बहुत से लोगों का यह मानना है जो बच्चा स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई में पिछड़ जाता है वह जीवन में भी पिछड़ जाता है , और उसकी सफल लोगों की श्रेणी में गिनती होना संभव नहीं है ! इस बात को दूसरे शब्दों में इस प्रकार भी कहा जा सकता है कि , जो बच्चा अपने स्कूल कॉलेज में टॉपर होते हैं वे ही सफल कहलाने योग्य होते हैं या वे ही जीवन में सफल माने जाते हैं !

अधिकांश माता-पिता इसी विचारधारा को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चों को स्कूल कॉलेज के दिनों में अत्याधिक कड़े अनुशासन में रखते हैं , और उनसे अपेक्षा करते हैं कि कैसे भी टॉपर बनें ! ऐसा करने से अनेक बच्चों का स्वाभाविक विकास रुक जाता है ! और बच्चा जिस क्षेत्र में जाना चाहता है , जिस क्षेत्र में उसका रुझान होता है , जो उसका पसंदीदा क्षेत्र होता है , उधर नहीं जा पाता है और नापसंद के क्षेत्र में अभिभावकों के दबाव-बश बिना मन से प्रयास करने को मजबूर होता है , और इसका परिणाम यह होता है कि वह उस क्षेत्र में भी सफल नहीं हो पाता है !

यह स्थिति अभिभावकों एवं बच्चों दोनों के लिए बहुत ही दुश्वार होती है , अभिभावक स्वयं को दुर्भाग्यशाली समझते है , बात बात पर बच्चे को कोसते हैं , जिससे कई बार बच्चा भी अपना आत्मविश्वास खो देता है और अवसाद ग्रस्त होकर हीन भावना का शिकार हो जाता है !

यह एक बहुत ही संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण बिंदु है जिसे अभिभावकों को अच्छी तरह से समझने की आवश्यकता है ! आप समझने का प्रयास करें और इसका व्यवहारिक रूप देखें कि आज जितने भी अच्छे खिलाड़ी हैं , जितने भी अच्छे वकील हैं , पहलवान है , बिजनेसमैन हैं वो क्या सब स्कूल कॉलेज में टॉपर्स थे ! क्या सचिन तेंदुलकर , कपिल , राहुल द्रविड़ , धोनी , अमिताभ बच्चन , राहुल बजाज , स्टीव जॉब्स , बिल गेट्स , धीरूभाई अंबानी इत्यादि स्कूल कॉलेज में टॉपर रहे !

जीवन में शैक्षिक योग्यता आपको एक स्तर तक कामयाब होने में मददगार हो सकती है , लेकिन वास्तविक सफलता के लिए जीवन में जिस संकल्प , इच्छाशक्ति , लगन एवं मेहनत करने के जुनून की आवश्यकता होती है वह व्यक्तिगत होती है , और जुनून जीवन में संघर्ष करने से बढ़ता है जो व्यक्ति जीवन में जितनी ठोकरे खाता है , असफलता का दंश सहता है , उसके आंगे बढने की संभावना उतनी ही अधिक होती है !

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College Dropouts Success Stories

इस पोस्ट में हम कुछ ऐसे ही सफलतम व्यक्तियों की सफलता की कहानियां संक्षिप्त में दे रहे हैं जो पढ़ाई में पीछे लेकिन कमाई में व सफ़ल व्यक्तियों में हमेशा आगे रहे , और उनकी जीवनी सभी के लिए प्रेरणास्पद है !

बिल गेट्स ( Bill Gates )

अमेरिका में जन्में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का नाम आज विश्व का हर व्यक्ति जानता है ! बिल गेट्स का नाम आज विश्व की सबसे अमीर व्यक्तियों में कभी पहले तो कभी दूसरे नंबर पर शुमार किया जाता है !

स्कूल कॉलेज में कभी भी टॉपर नहीं रहने वाले बिल गेट्स को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग , कंप्यूटर गेम बनाने का प्रारंभ से ही बहुत शौक था ! उन्हें कंप्यूटर में काम करने का ऐसा जुनून था कि उन्होंने स्नातक शिक्षा के बाद हावर्ड कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद भी अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की !

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वर्ष 1975 में बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी शुरू की , और देखते ही देखते आज विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में उनका नाम दर्ज होता है !

बिल गेट्स अपनी असाधारण सफलता के लिए निम्न तत्वों पर फोकस करने की सलाह देते हैं –

1.अपने रास्ते स्वयं ही बनाने होंगे 

उनका मानना है कि आपको कोई रास्ता तैयार करके नहीं देगा , यदि आपको जीवन में कुछ करना है तो आपको अपना रास्ता स्वयं बनाना होगा ! आपके विचार किसी को पसंद ना आते हो कोई बात नहीं , लेकिन जब आपने उस रास्ते पर जाना तय कर लिया है तो बस बढ़ जाओ उस रास्ते पर ! हो सकता है कि कुछ लोग आपको सनकी समझते हों , लेकिन यदि आपका उद्देश्य पवित्र है और आपमें आत्मविश्वास है , कुछ अलग हटकर करने का जुनून है तो बढ जाओ आपको सफलता अवश्य मिलेगी !

2.कार्य का संपादन प्राथमिकता के अनुसार करो

जो काम जरूरी है उसे पहले करें , जो काम बाद का है उसके लिए आज समय खराब करने की आवश्यकता नहीं है , अपने काम पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उसी के अनुसार कार्य पूरे करने चाहिए !

3.त्वरित निर्णय लिए जाने की आवश्यकता है

दुनिया तेजी से बदल रही है , यदि आप निर्णय लेने में देर कर रहे हैं तो हो सकता है कि अन्य आपसे आगे बढ़ जाए ! देर से किए जाने वाले निर्णय से आप को बहुत नुकसान भी उठाना पड़ सकता है ! इस प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में व्यक्ति को चारों ओर की जानकारी रखने की और तुरंत निर्णय लेने की आवश्यकता होती है !

4.जीतने के लिए इनोवेशन आवश्यक

आंगे बने रहने के लिए और जीत को बरकरार रखने के लिए इनोवेशन की बहुत आवश्यकता होती है , यह इनोवेशन का जमाना है ! बिल गेट्स नें इनोवेशन के बल पर ही स्वयं को सबसे आगे रखा है !

5.सिस्टम बनाएं और उसमें लगातार सुधार करें

अपने काम का एक सिस्टम बनाएं और वह ऐसा होना चाहिए कि हर परिस्थिति में अपने आप काम होता चला जाए ! इसके लिए सिस्टम में आवश्यक सुधार की आवश्यकता है ! हर स्तर पर एक सिस्टम बनाकर उसमें पूर्णता का प्रयास करने से काफी हद तक इसमें सफलता मिल जाती है !

6.मानवता की सेवा, सभी को समान अवसर प्रदान करने में है

बिल गेट्स का मानना है कि सभी को समान अवसर मिलना चाहिए , जो लोग स्वयं की सहायता नहीं कर सकते उन्हें सहायता प्रदान की जानी चाहिए जिससे उन्हें भी आगे बढ़ने की इस अवसर समान रूप से उपलब्ध हो सकें !

7.अपना प्रभाव स्थापित करें

बिल गेट्स का मानना था कि जो लोग आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें अपना प्रभाव स्थापित करना होगा , जिससे लोग उनकी बातों को सुनें और समझ सके ! एक प्रभावहीन व्यक्ति को कोई सुनना पसंद नहीं करता चाहे वह कितनी भी सही बात करें ! अतः अपना प्रभाव स्थापित करना , सफलता के लिए एक अहम बिंदु है !

लगातार हो रही असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए , कभी कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है ! सदा सकारात्मक रहे , आशावादी रहे – बिल गेट्स

धीरूभाई अंबानी ( Dhirubhai Ambani )

गुजरात राज्य के एक छोटे से गांव में जन्मे धीरूभाई अंबानी को आज भारत का बच्चा-बच्चा जानता है ! घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण धीरूभाई को हाई स्कूल के बाद ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी , धीरुभाई बचपन से ही घर की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहयोग करते थे !

वर्ष 1949 में 17 वर्ष की उम्र में वे यमन के एडेन शहर गये जहां उनके बडे भाई ने उनके लिए क्लर्क की नौकरी की व्यवस्था कर रखी थी , लेकिन  यमन उन्हें रास नहीं आया ! वर्ष 1954 में धीरूभाई अंबानी अपने देश वापस आ गए उस समय उनके पास मात्र ₹500 थे !

वर्ष 1966 में उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की ! आज Reliance में एक लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं व फॉर्च्यून 500 की सूची में रिलायंस का नाम शामिल है !

सफलता की बुलंदियों को फतह करने वाले इस शख्स धीरूभाई अंबानी के निम्न विचारों को पढ़ें , यह विचार सफलता के मार्ग पर कदम रखने वाले हर व्यक्ति के लिए कुछ प्रेरक संदेश देती !

  • कठिनाइयों में भी अपने लक्ष्य को पाने का प्रयत्न करें , कठिनाइयों को अवसरों में तब्दील करें ! असफलताओं के बावजूद अपना मनोबल ऊंचा रखें अंत में सफलता आपको अवश्य मिलेगी !
  • बड़ा सोचो , जल्दी सोचो , आगे सोचो , विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है !
  • हमारी सपने बडे होने चाहिए , हमारी महत्वकांक्षाएं ऊंची होनी चाहिए , हमारी प्रतिबद्धता गहरी होनी चाहिए और हमारे प्रयास तदनुसार बड़े होनी चाहिए !
  • यदि आप दृढ़-संकल्प एवं पूर्णता के साथ कार्य करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी !
  • सही उद्यमशीलता एवं आगे बढ़ने के लिए जोखिम लेना आवश्यक है !
  • अपनी महत्वकांक्षा को मरने मत दो , हर अवसर का लाभ उठाये , महत्वकांशा की पूर्ति हेतु प्रयासरत रहो , सफलता अवश्य मिलती है !

उन्होनें एक बार कहा था – “ एक दिन धीरुभाई चला जाएगा,  Reliance के कर्मचारी एवं शेयरधारक इसे चलाते रहेगें ! Reliance एक विचार है इसमें अंबानियों का ही वर्चस्व हो ऐसा नहीं है ” और धीरूभाई अंबानी इस दुनिया को 6 जुलाई 2002 को अलविदा कह गए , एवं Reliance आज भी अपनी बुलंदियों पर कायम है !

हेनरी फोर्ड ( Henry Ford )

किसान परिवार में जन्में हेनरी फोर्ड एक जाने-माने अमेरिकी उद्योगपति है , वो बहुत ही साधारण तरीके से जीवन यापन करते हैं ! उन्होंने मात्र 15 वर्ष की उम्र तक ही शिक्षा ग्रहण की ! पढ़ाई करने के साथ-साथ वे खेत पर भी काम करते थे , बचपन से ही उन्हें सभी प्रकार की मशीनों – यंत्रों के प्रति विशेष लगाव था !

पिता के मना करने के बाद भी वे अपने पड़ोसियों एवं अन्य लोगों की गाड़ियों एवं यंत्रों की मरम्मत मुफ्त में ही किया करते थे ! 16 वर्ष की उम्र में वे घर छोड़कर डेट्राइट चले गये , यहां कई कारखानों में कार्य करके उन्होंने यांत्रिक ज्ञान प्राप्त किया ! सन 1886 में वापस आकर उन्होंने पिता की जमीन पर मशीन मरम्मत का कारखाना खोला !

सन 1887 मैं उन्होंने गैस इंजन एवं खेतों पर भारी काम करने वाली मशीनें बनाने की योजना बनाई , लेकिन यंत्रों के प्रति विशेष आकर्षण के कारण वे घर पर नहीं टिक सके एव पुनः डेट्राइट चले गये !

वहां उन्होंने एक कंपनी में नौकरी प्रारंभ की और सन 1893 में उन्होंने पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी बनाई जो 25 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती थी ! सन 1899 में उन्होंने डेट्राइट ऑटोमोबाइल कंपनी की स्थापना की ! फ़िर इस कंपनी को छोड़कर वो दौड़ में भाग लेने वाली गाड़ियां बनाने लगे ! वर्ष 1903 में उन्होंने फोर्ड कंपनी की स्थापना की !

हेनरी फोर्ड की गिनती विश्व के सबसे अमीर उद्योगपतियों में की जाती है वे एक महान आविष्कारक भी थे , उनके नाम पर 161 आविष्कार पेटेंट है ! वर्ष 1947 में उनकी मृत्यु हो गई !

हेनरी फ़ोर्ड को बहुत ही सादा जीवन व्यतीत करने वाले अमीर लोगों में गिना जाता है , उनके विचार हर व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं –

असफलता मात्र पुनः कार्य आरंभ करने का अवसर होती है , इस बार और अधिक  बुद्धिमता से ! – हेनरी फोर्ड

चाहे आप सोचें कि आप कर सकते हैं या सोचे कि नहीं कर सकते , आप आमतौर पर सही होते हैं ! – हेनरी फोर्ड

स्टीव जॉब्स ( Steve Jobs )

Apple कंपनी के चेयरमैन व पूर्व सीईओ एवं सह संस्थापक स्टीव जॉब्स का जन्म 24 फरवरी 1955 को सैन फ्रांसिस्को (कैलिफोर्निया) में हुआ था ! उनके माता-पिता की शादी नहीं हुई थी , तो उन्होंने स्टीव जॉब्स को किसी अन्य को गोद देने का निर्णय लिया ! एवं पाल जाब्स एवं उसकी पत्नी को स्टीब को गोद दे दिया !

स्टीब ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी नहीं की ! कॉलेज में पढ़ना उनके लिए महंगा था और माता-पिता इतना अधिक व्यय बहन नहीं कर सकते थे ! उस समय को याद करते हुए स्टीब  कहते है कि मेरे पास रहने तक के लिए जगह नहीं थी , इसलिए मैं अपने दोस्तों के कमरों में नीचे जमीन पर सोता था ! मैं Coke की खाली बोतलों को लौटाने का काम करता था और उससे मिले पैसों से कुछ खाने को खरीद लिया करता था ताकि हफ्ते में एक दिन पेट भर कर खा सकूं !

1976 में जब स्टीब 20 वर्ष के थे तो उन्होंने अपने दोस्त स्टीव स्मिथ के साथ मिलकर गैराज में एक कंपनी खोली एवं दोनों ने मिलकर Apple – 1 बनाया ! वर्ष 1982 तक उनकी कंपनी की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी , लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी एवम फैसला किया कि एक नई मशीन तैयार करेंगे जो IBM की नई PC से टक्कर ले सके पर यहां भी उन्हें असफलता ही मिली ! लेकिन वह निराश नहीं हुये और पूरे जोश से काम करते रहे ! फिर उन्होंने एक नई मशीन Macintosh (आज का Mac PC) पर काम करना शुरू किया वर्ष 1986 में Mac को शानदार सफलता मिली और 10 वर्ष में ही इन दो किशोरों द्वारा शुरू की गई कंपनी 2 बिलियन डॉलर की कंपनी बन गई थी !

स्टीब जब 30 वर्ष की उम्र तक पहुचे तब तक Apple काफी बड़ी कंपनी बन गई थी, उसी समय जॉब्स को कुछ अधिकारिक लड़ाई के कारण कंपनी से बाहर निकाल दिया गया !

कंपनी से निकाल दिए जाने के बाद जॉब्स ने दो नई कंपनियों नेक्स्ट स्टेप एवं पिक्सर की शुरुआत की ! नेक्स्ट स्टेप सफल नहीं हुई लेकिन पिक्चर एक सफल कंपनी बनी ! पिक्चर कंपनी ने फर्स्ट कंप्यूटर एनिमेटेड फिल्म “Toy Story” बनाई , फिल्म बहुत ही सफल रही और उसने कई रिकॉर्ड तोड़े ! जैसे ही पिक्चर के शेयर पब्लिक किए गए स्टीव जॉब्स फिर से अरबपति बन गए ! Apple घाटे में जा रही थी उसे माइक्रोसॉफ्ट से टक्कर मिल रही थी , परिस्थिति बदली और वर्ष 1997 में जॉब्स को फिर से एप्पल का सीईओ बनाया गया ! जॉब्स की लीडरशिप में एप्पल ने पुनः आसमान की बुलंदियों को छुआ ! आज Apple का नाम विश्व विख्यात है लेकिन स्टीव जॉब्स ने इस दुनिया को 5 अक्टूबर 2011 को अलविदा कह दिया !

स्टीव जॉब्स की कुछ महत्वपूर्ण विचार जो प्रत्येक व्यक्ति को सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं –

  • आपको जीवन में वही करना चाहिए जो आप  पसंद करते हैं !
  • अगर आपको सफल होना है तो वही करें जो आप करना चाहते हैं , जो आप करने की इच्छा रखते हैं !
  • हमारे पास समय कम होता है इस समय को किसी और के सपने जी घर बर्बाद ना करे !
  • अपनी जिंदगी का फैसला स्वयं करें किसी और को अपने जीवन का निर्णय ना लेने दें !
  • कभी-कभी जिंदगी हमें मात दे देती है पर हमें कभी भी अपना काम करना नहीं छोड़ना चाहिए , कभी भी आशा का दामन ना छोड़े , मैं जानता हूं कि कोई एक चीज जिसने मुझे हार नहीं मानने दी तो वो था मेरे काम के प्रति मेरा लगाव एवं प्यार !

मार्क जुकरबर्ग ( Mark Zuckerberg )

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का जन्म 14 मई 1984 को न्यूयॉर्क में हुआ ! हावर्ड यूनिवर्सिटी ड्रॉपआउट जुकरबर्ग ने 13 वर्ष की उम्र में स्वयं को नास्तिक घोषित कर दिया था ! वर्ष 2004 में हावर्ड यूनिवर्सिटी में इस 20 वर्षीय छात्र ने अपने 4 दोस्तों के साथ एक छात्रावास के एक कमरे में एक वेबसाइट को तैयार जिसमें यूनिवर्सिटी के सभी छात्रों का डेटा अपलोड किया जा सके व साथ ही आपस में ऑनलाइन संपर्क भी स्थापित किया जा सके ! यह वेबसाइट कामयाब हो गई है और शीघ्र ही यह पूरे यूरोप एवं दुनिया में लोकप्रिय होने लगी !

यही वेबसाइट बाद में Facebook के नाम से प्रसिद्ध हुई एवं आज विश्व में सोशल वेबसाइट में प्रथम स्थान पर है !

जुकरबर्ग के जीने के अंदाज से हमें निम्न प्रेरणा मिलती है –

1.जुनून – बड़ी कामयाबी के लिए जुनून जरूरी है , जुकरबर्ग की इसकी विशेषता के कारण ही शायद वे पढ़ाई करने की उम्र में इतना बड़ा एम्पायर खड़ा करने में सक्षम हो सके ! उस वक्त उनके कई अन्य साथी भी थी जिन्होंने सॉफ्टवेयर बनाने में सहयोग किया लेकिन इतनी शोहरत अन्य किसी को नहीं मिली शायद उनमें जकरबर्ग जैसा जुनून नहीं था !

2.दूर की सोच– कंप्यूटर के माध्यम से इतनी अच्छी तरह आपस में कम्युनिकेशन किया जा सकता है , यह एक दूर की सोच थी जिसे जुकरबर्ग ने समझा बरना उस समय वैज्ञानिकों एवं सॉफ्टवेयर की ज्ञाताओं की कमी नहीं थी !

3.जिज्ञासा – जुकरबर्ग को शुरू से ही कंप्यूटर सॉफ्टवेयर खिलौने की तरह लगते थे , उनकी छोटी छोटी चीज वह तुरंत समझ लेता था ! उनमें जिज्ञासा थी सब कुछ जान लेने की , सब कुछ सीख लेने की उनमें कुछ नया करने का जज्बा था और शायद इन खासियतों ने ही उन्हें सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाआ !

तो दोस्तो इन सब सफ़ल व्यक्तियों के बारें में जानकर एक बात तो तय है कि सफ़ल होनें के पढाई या आपकी Toppers की डिग्री महत्वपूर्ण नहीं है और न ही यह आपके सफ़लता की निशानी है ! जीवन में वास्तिविक सफ़लता के लिये जरूर्री है एक आत्मविश्वास की , एक द्रढ इच्छाशक्ति की एक सोच की , कि हां में कर सकता , में करके दिखा दूंगा ! 

Top Motivational Books In Hindi – जो आपकी जिंदगी बदल देंगी

कामयाब बनिए – अपने लिए , अपनों के लिए और उन सब के लिए जो आपको देखकर खुद को भरोसा दिलाएंगे कि मैं भी एक दिन इनकी तरह कामयाब हो जाऊँगा !!! तो आज से ही आप सबकी परबाह छोडकर लग जाये अपने लक्ष्य को पाने में ! में नितिन गुप्ता आपकी सफ़लता की कामना करता हूं !

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About the author

Nitin Gupta

My Name is Nitin Gupta और मैं Civil Services की तैयारी कर रहा हूं ! और मैं भारत के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश से हूँ। मैं इस विश्व के जीवन मंच पर एक अदना सा और संवेदनशील किरदार हूँ जो अपनी भूमिका न्यायपूर्वक और मन लगाकर निभाने का प्रयत्न कर रहा हूं !!

मेरा उद्देश्य हिन्दी माध्यम में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने बाले प्रतिभागियों का सहयोग करना है ! आप सभी लोगों का स्नेह प्राप्त करना तथा अपने अर्जित अनुभवों तथा ज्ञान को वितरित करके आप लोगों की सेवा करना ही मेरी उत्कट अभिलाषा है !!

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