Samvida Varg 3 Syllabus 2020 Exam Pattern and Important PDF Notes
नमस्कार दोस्तो , कैसे हैं आप सब ? I Hope सभी की Study अच्छी चल रही होगी
दोस्तो जैसा कि आप सभी को पता होगा कि Samvida Shikshak Varg 3 के लिये MP Govt. ने परीक्षा की तिथि निर्धारित कर दी है , परीक्षा सितंबर अंत व अक्टूबर 2020 में संभावित है !
बहुत से लोग रोज मुझसे इसके संबंध में Question पूंछते हैं और Syllabus, Exam Pattern, PDF Study Material की मांग करते हैं ! तो आप सभी लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये मैंने आज ये Post तैयार की है जिसमें हम आपको MPTET Samvida Shikshak Varg 3 के Exam Pattern व Syllabus से संबंधित पूरी जानकारी देंगे ! व सभी Subject की PDF को Download करने की Link भी उपलब्ध कराऐंगे !
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संविदा शिक्षक भर्ती वर्ग 3 परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम ( MPTET Samvida Varg 3 Exam Pattern and Syllabus )
संविदा शिक्षक भर्ती वर्ग 3 परीक्षा योजना ( MPTET Samvida Varg 3 Exam Pattern )
- पात्रता परीक्षा हेतु 150 अंकों का एक प्रश्नपत्र होगा। परीक्षा की अवधि 2.30 घंटे की होगी।
- प्रत्येक प्रश्न 1 अंक को होगा। ऋणात्मक मूल्यांकन नहीं होगा।
- पात्रता परीक्षा के सभी प्रश्न बहुविकल्पीय (MCQ) प्रकार के होंगे, जिनके चार विकल्प होंगे और एक विकल्प सही होगा।
- परीक्षा की संरचना एवं विषय वस्तु (Structure and Content) निम्नानुसार होगी –
भाग | विषय वस्तु (सभी अनिवार्य) | प्रश्नों की संख्या | कुल अंक |
(i) | बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र (Child Development & Pedagogy) | 30 | 30 |
(ii) | भाषा-1 (Language-I) | 30 | 30 |
(iii) | भाषा-2 (Language-II) | 30 | 30 |
(iv) | गणित (Mathematics) | 30 | 30 |
(v) | पर्यावरण अध्ययन (Environmental Study) | 30 | 30 |
कुल | 150 MCQ | 150 Marks |
प्रश्नों की प्रकृति एवं स्तर ( Nature and standard of Questions )
निम्नानुसार होगा –
- बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र के प्रश्न 6-11 वर्ष आयु समूह के शिक्षण एवं सीखने के शैक्षिक मनोविज्ञान पर आधारित होंगे, जो विशिष्टताओं की समझ, आवश्यकता, विभिन्न प्रकार के शिक्षार्थियों का मनोविज्ञान, शिक्षार्थी के साथ संवाद और सिखाने हेतु अच्छे फेसिलिटेटर की विशेषताएं एवं गुणों पर आधारित होंगे।
- भाषा-1 के प्रश्न आवेदन पत्र में चुनी गई भाषा के माध्यम में प्रवाहिता (Proficiency) पर आधारित होंगे।
- भाषा-2, भाषा-1 से पृथक होगी। आवेदक आवेदन पत्र मे हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत व उर्दू में से कोई भी भाषा चुन सकेंगे और आवेदन पत्र में चुनी गई भाषा के प्रश्न ही हल कर सकेंगे। भाषा-2 के प्रश्न भाषा के तत्व, सम्प्रेषण और समझने की क्षमताओं पर आधारित होंगे।
- गणित एवं पर्यावरण अध्ययन के प्रश्न विषय की अवधारणा, समस्या समाधान और पैड़ागांजी की समझ पर आधारित होंगे।
- प्रश्न पत्र में प्रश्न म.प्र. राज्य के कक्षा-1 से 5 के प्रचलित पाठ्यक्रम / पाठ्यक्रमों के टॉपिक्स पर आधारित होंगे, लेकिन इनका कठिनाईस्तर एवं सम्बद्धता हाईस्कूल स्तर तक हो सकती है।
- उक्त का विस्तृत पाठ्यक्रम आगे दिया गया है –
संविदा शिक्षक भर्ती वर्ग 3 सिलेबस ( Samvida Varg 3 Syllabus )
बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र (Child Development & Pedagogy) – 30 प्रश्न
Samvida Varg 3 Child Development & Pedagogy Syllabus
1.बाल विकास ( 15 प्रश्न )
- बाल विकास की अवधारणा एवं इसका अधिगम से संबंध।
- विकास और विकास को प्रभावित करने वाले कारक।
- बाल विकास के सिद्धान्त ।
- बालकों का मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार संबंधी समस्याएं।
- वंशानुक्रम एवं वातावरण का प्रभाव।
- समाजीकरण प्रक्रियाएं : सामाजिक जगत एवं बच्चे (शिक्षक, अभिभावक, साथी)
- पियाजे, पावलव, कोहलर और थार्नडाइक: रचना एवं आलोचनात्मक स्वरूप।
- बाल केन्द्रित एवं प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा।
- बुद्धि की रचना का आलोचनात्मक स्वरूप और उसका मापन, बहुआयामी बुद्धि।
- व्यक्तित्व और उसका मापन।
- भाषा और विचार।
- सामाजिक निर्माण के रूप में जेंडर, जेंडर की भूमिका, लिंगभेद और शैक्षिक प्रथाएं।
- अधिगम कर्ताओं में व्यक्तिगत भिन्नताएं, भाषा, जाति, लिंग, संप्रदाय, धर्म आदि की विषमताओं पर आधारित भिन्नताओं की समझ।
- अधिगम के लिए आंकलन और अधिगम का आंकलन में अंतर, शाला आधारित आंकलन, सतत एवं समग्र मूल्यांकन : स्वरूप एवं प्रथाएं (मान्यताएं)
- अधिगमकर्ताओं की तैयारी के स्तर के आंकलन हेतु उपयुक्त प्रश्नों का निर्माण, कक्षाकक्ष में अधिगम को बढ़ाने आलोचनात्मक चिंतन तथा अधिगमकर्ता की उपलब्धि के आंकलन के लिए।
2.समावेशित शिक्षा की अवधारणा एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की समझ ( 5 प्रश्न )
- अलाभान्वित, एवं वंचित वर्गों सहित विविध पृष्ठभूमियोंके अधिगमकर्ताओ की पहचान।
- अधिगम कठिनाइयो, ‘क्षति’ आदि से ग्रस्त बच्चों की आवश्यकताओं की पहचान।
- प्रतिभावान, सृजनात्मक, विशेष क्षमता वाले अधिगमकर्ताओं की पहचान।
- समस्याग्रस्त बालक : पहचान एवं निदानात्मक पक्ष।
- बाल अपराध : कारण एवं प्रकार
3. अधिगम और शिक्षा शास्त्र (पेडागाजी) ( 10 प्रश्न )
- बच्चे कैसा सोचते और सीखते हैं, बच्चे शाला प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में क्यों और कैसे असफल होते हैं।
- शिक्षण और अधिगम की मूलभूत प्रक्रियाएं, बच्चों के अधिगम की रणनीतियां, अधिगम एक सामाजिक प्रक्रिया के रूप में, अधिगम का सामाजिक संदर्भ।
- समस्या समाधानकर्ता और वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बच्चा।
- बच्चों में अधिगम की वैकल्पिक धारणाएं, बच्चों की त्रुटियों को अधिगम प्रक्रिया में सार्थक कड़ी के रूप में समझना। अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक : अवधान और रूचि।
- संज्ञान और संवेग
- अभिप्रेरणा और अधिगम
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक – व्यक्तिगत और पर्यावरणीय
- निर्देशन एवं परामर्श
- अभिक्षमता और उसका मापन
- स्मृति और विस्मृति
हिन्दी भाषा (Hindi Language) – 30 प्रश्न
Samvida Varg 3 Hindi Language Syllabus
1. भाषायी समझ / अवबोध ( 15 प्रश्न )
- भाषायी / अवबोध के लिए दो अपठित दिए जाएं, जिसमें एक गद्यांश (नाटक/ एकांकी/ घटना/ निबंध/ कहानी आदि से) तथा दूसरा अपठित पद्य के रूप में हो, इस अपठित में से समझ/ अवबोध, व्याख्या व्याकरण एवं मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न किए जाएं। गद्यांश साहित्यिक / वैज्ञानिक / सामाजिक समरसता / तात्कालिक घटनाओं पर आधारित हो सकते हैं।
2. भाषायी विकास हेतु निर्धारित शिक्षा शास्त्र ( 15 प्रश्न )
- भाषा सीखना एवं ग्रहणशीलता
- भाषा शिक्षण के सिद्धान्त
- भाषा शिक्षण में सुनने, बोलने की भूमिका, भाषा के कार्य, बच्चे भाषा का प्रयोग कैसे करते हैं
- मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति अन्तर्गत भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका
- भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनौतियां, कठिनाइयां, त्रुटियां एवं क्रमबद्धता
- भाषा के चारों कौशल (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) का मूल्यांकन
- कक्षा में शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्यपुस्तक, दूरसंचार (दृश्य एवं श्रव्य) सामग्री, बहुकक्षा स्रोत
- पुन: शिक्षण
अंग्रेजी भाषा (English Language) – 30 प्रश्न
Samvida Varg 3 English Language Syllabus
1. Comprehension ( 15 Questions )
- Two unseen prose passages (discursive or literary or narrative or scientific) with questions on comprehension, grammar and verbal ability.
2. Pedagogy of language development ( 15 questions )
- Learning and acquisition of language
- Principles of second language teaching
- Language skills-listening, speaking, reading, writing
- Role of listening and speaking, function of language and how children use it as a tool
- The role of grammar in learning a language for communicating ideas verbally and in written form
- Challenges of teaching language in a diverse classroom, language difficulties
- Teaching learning materials, text book, multi-media materials multi-lingual resource of the classroom
- Evaluating language comprehension and proficiency: listening, speaking, reading and writing
- Remedial teaching (Re- teaching )
संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) – 30 प्रश्न
Samvida Varg 3 Sanskrit Language Syllabus
1. भाषायी समझ / अवबोध ( 15 प्रश्न )
- भाषायी / अवबोध के लिए दो अपठित दिए जाएं, जिसमें एक गद्यांश (नाटक/ एकांकी/ घटना/ निबंध/ कहानी आदि से) तथा दूसरा अपठित पद्य के रूप में हो, इस अपठित में से समझ/ अवबोध, व्याख्या व्याकरण एवं मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न किए जाएं। गद्यांश साहित्यिक / वैज्ञानिक / सामाजिक समरसता / तात्कालिक घटनाओं पर आधारित हो सकते हैं।
2. भाषायी विकास हेतु निर्धारित शिक्षा शास्त्र ( 15 प्रश्न )
- भाषा सीखना एवं ग्रहणशीलता
- भाषा शिक्षण के सिद्धान्त
- भाषा शिक्षण में सुनने, बोलने की भूमिका, भाषा के कार्य, बच्चे भाषा का प्रयोग कैसे करते हैं।
- मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति अन्तर्गत भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका।
- भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनौतियां, कठिनाइयां, त्रुटियां एवं क्रमबद्धता।
- भाषा के चारों कौशल (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) का मूल्यांकन।
- कक्षा में शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्यपुस्तक, दूरसंचार (दृश्य एवं श्रव्य) सामग्री, बहुकक्षा स्रोत।
- पुन: शिक्षण।
उर्दू भाषा (Urdu Language) – 30 प्रश्न
Samvida Varg 3 Urdu Language Syllabus
जामेंसलाहियत पर मबनी सवालात ( 15 सवालात )
- दो गेर दरसी इक्तिबासात (मालूमाती/ अदबी/ बयानिया / सांइसी)
- सलाहियत पर मबनी सवालात, कवायद और ज़बानी सलाहियत पर मबनी सवालात।
ज़बान के नशवोनुमा और तदरीसी तरीके ( 15 प्रश्न )
- सीखना और याद रखना।
- जबानकी तदरीस के असूल।
- ज़बान में सुनने और बोलने की एहमियत, जबान का काम और बच्चों के जरिए जुबान की महारतों का इस्तेमाल।
- जबान सीखने और खयालात का जबानी और तहरीरी इजहार करने में कवायत (ग्रामर) के रोल का तनकीदी जायज़ा।
- क्लास रूम में मुखतलिफ तालीमी इस्तेदाद वाले बच्चों की जबान की मुश्किलात, गल्तियों और बेतरतीबियों के चैलेंज को कुबूल करते हुए ज़बान पढ़ाना।
- ज़बान की महारतें।
- ज़बान की सलाहियत और ज़बान पर उबुर के तहजि़ए के लिए बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना।
- तालीमी इम्दादी अशिया (TLM) दरसी कुतुब और मल्टी मीडिया मेटीरियल, क्लास रूम में मुहैया मुखतलिफ ज़बानों का मवाद।
- तदारकी तदरीस।
- निसाबी मोज़ूआत
- असनाफ़े नस्र – कहानी, मालूमाती मज़ामीन, ड्रामा, मकालमा
- असनाफे नज़्म – नज़्म, गीत
- ग्रामर – इस्म, ज़मीर, फ़ेअल, सिफत, मेंय किस्में जिंस, ज़माना, जुम्ले व मुहावरे, वाहिदजमा, मुजक्कर, मोअन्नस, तजा़द, जज्म गीत वगैरह की तारीफ।
- ख़तूत और दरख़्वास्त नवीसी
- गैर दरसी इक्तिबास
- मज़मून नवीसी
गणित (Mathematics) – 30 प्रश्न
Samvida Varg 3 Maths Syllabus
1. विषय वस्तु ( 15 प्रश्न )
- संख्या पद्धति – 1000 से बड़ी संख्याओं को पढ़ना व लिखना, 1000 से बड़ी संख्याओं पर स्थानीय मान की समझ व चार मूलभूत संक्रियाएं।
- जोड़ना व घटाना – पाँच अंकों तक की संख्याओं का जोड़ना व घटाना।
- गुणा – 2 या 3 अंकों की संख्याओं का गुणा करना।
- भाग – भिन्न की अवधारणा, सरलतमरूप, समभिन्न, विषम भिन्न आदि भिन्नों का जोड़ना घटाना गुणा व भाग, समतुल्य भिन्न, भिन्न को दशमलव में तथा दशमलव संख्या को भिन्न में लिखना।
- सामान्यत: प्रयोग होने वाली लंबाई, भार, आयतन की बड़ी व छोटी इकाई में संबंध।
- बड़ी इकाइयों में तथा छोटी इकाइयों में तथा छोटी इकाइयों को बड़ी इकाइयों में बदलना।
- ज्ञात इकाइयों में किसी ठोस वस्तु का आयतन ज्ञात करना।
- पैसा, लंबाई, भार, आयतन तथा समय अंतराल से संबंधित प्रश्नों में चार मूल गणितीय संक्रियाओं का उपयोग करना।
- मीटर को सेंटीमीटर एवं सेंटीमीटर को मीटर में बदलना।
- पैटर्न – संख्याओंसे संबंधित पैटर्न को समझ आगे बढ़ाना, पैटर्न तैयार कर उसका संक्रियाओं के आधारपर सामान्यीकरण, त्रिभुजीय संख्याओं तथा वर्ग संख्याओं के पैटर्न पहचानना।
- ज्यामिति – मूल ज्यामितीय अवधारणाएं, किरण, रेखाखण्ड, कोण (कोणों का वर्गीकरण), त्रिभुज, (त्रिभुजों का वर्गीकरण – (1) भुजाओं के आधार पर (2) कोणों के आधार पर त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180º होता है।
- वृत्त के केन्द्र, त्रिज्या तथा व्यास की पहचान व समझ।
- वृत्त, त्रिज्या व व्यास में परस्पर संबंध, सममित आकृत्ति, परिवेश आधार पर समानान्तर रेखा व लम्बवत रेखा की समझ।
- सरल ज्यामितीय आकृतियों (त्रिभुज, आयत, वर्ग) का क्षेत्रफल तथा परिमाप दी गई आकृति को इकाई मानकर ज्ञात करना।
- परिवेश की 2D आकृतियों की पहचान।
- दैनिक जीवन से संबंधित विभिन्न आंकड़ों को एकत्र करना।
- घड़ी के समय को घंटे तथा मिनिट में पढ़ना तथा AM और PM में रूप में व्यक्त करना।
- 24 घंटे की घड़ी का 12 घंटे की घड़ी से संबंध।
- दैनिक जीवन की घटनाओं में लगने वाले समय अंतराल की गणना।
- गुणा तथा भाग में पैटर्न की पहचान।
- सममिति पर आधारित ज्यामिति पैटर्न ।
- दण्ड आलेख के माध्यम से प्रदर्शित कर उससे निष्कर्ष निकालना।
2. Pedagogical Issues ( 15 प्रश्न )
- गणित शिक्षण द्वारा चिन्तन एवं तर्कशक्ति का विकास करना।
- पाठ्यक्रम में गणित का स्थान
- गणित की भाषा
- प्रभावी शिक्षण हेतु परिवेश आधारित उपयुक्त शैक्षणिक सहायक सामग्री का निर्माण एवं उसका उपयोग करने की क्षमता का विकास करना।
- मूल्यांकन की नवीन विधियां, निदानात्मक परीक्षण व पुन: शिक्षण की क्षमता का विकास करना।
- गणित शिक्षण की नवीन विधियों का कक्षा शिक्षण में उपयोग करने की क्षमता
पर्यावरण अध्ययन ( Environmental Study ) – 30 प्रश्न
Samvida Varg 3 Environment Language Syllabus
1. विषय वस्तु ( 20 प्रश्न )
- हमारा परिवार, हमारे मित्र
- परिवार और समाज से सहसंबंध – परिवार के बड़े बूढ़े, बीमार, किशोर, विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों की देखभाल और उनके प्रति हमारी संवेदनशीलता।
- हमारे पशु, पक्षी – हमारे पालतू पशु-पक्षी, माल वाहक पशु, हमारे आसपास के परिवेश में जीव-जन्तु, जानवरों पर प्रदूषण का प्रभाव।
- हमारे पेड़-पौधे –स्थानीय पेड़-पौधे पेड़-पौधों एवं मनुष्यों की अन्त:निर्भरता, वनों की सुरक्षाऔर उनकी आवश्यकता और महत्व, पेड़-पौधों पर प्रदूषण का प्रभाव।
- हमारे प्राकृतिक संसाधन – प्रमुख प्राकृतिक संसाधन, उनका संरक्षण, ऊर्जा के पारंपरिक और नवीनीकृत एवं अनवीनीकृत स्रोत।
- खेल एवं कार्य
- खेल, व्यायाम और योगासन।
- पारिवारिक उत्सव, विभिन्न मनोरंजन के साधन – किताबें, कहानियां, कठपुतली प्ले, मेला सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं दिवसों को विद्यालयम में मनाया जाना।
- विभिन्न काम धंधें, उद्योंग और व्यवसाय।
- आवास
- पशु, पक्षी और मनुष्य के विभिन्न आवास, आवास की आवश्यकता और स्वस्थ जीवन के लिए आवास की विशेषताएं।
- स्थानीय इमारतों की सुरक्षा, सार्वजनिक संपत्ति, राष्ट्रीय धरोहर और उनकी देखभाल।
- उत्तम आवास और उसके निर्माण में प्रयुक्त सामग्री, निर्माण सामग्री की गणनाकरना।
- शौचालय की स्वच्छता, परिवेश की साफ-सफाई और अच्छी आदतें।
- हमारा भोजन और आदतें
- भोजन की आवश्यकता, भोजन के घटक।
- फल एवं सब्जियों का महत्व, पौधों के अंगों के अनुसार फल, सब्जियाँ।
- भोज्य पदार्थों का स्वास्थ्य वर्धक संयोजन।
- विभिन्न प्रकार की आयु का भोजन और उनको ग्रहण करने का सही समय।
- उत्तम स्वास्थ्य हेतु भोजन की स्वच्छता और सुरक्षा के उपाय।
- खाद्य संसाधनों की सुरक्षा।
- पानी और हवा प्रदूषण एवं संक्रमण
- जीवन के लिए स्वच्छ पानी और स्वच्छ हवा की आवश्यकता।
- स्थानीय मौसम, जल चक्र और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और जलवायु परिवर्तन में हमारी भूमिका।
- पानी के स्रोत, उसके सुरक्षित रखरखाव और संरक्षण एवं पोषण के तरीके।
- संक्रमित वायु एवं पानी से होने वाले रोग, उनका उपचार और बचाव, अन्य संक्रामक रोग।
- हवा, पानी, भूमि का प्रदूषण और उससे सुरक्षा, विभिन्न अपशिष्ट पदार्थों और उनका प्रबंध, उचित निस्तारण।
- भूकंप, बाढ़, सूखा आदि आपदाओं से सुरक्षा और बचाव के उपाय, आपदा प्रबंधन।
- प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन – संसाधनों का उचितदोहन, डीजल, पेट्रोलियम खपत एवं संपोषण आदि।
- प्राकृतिक वस्तुएं और उपज
- मिट्टी, पानी, बीज और फसल का संबंध, जैविक-रासायनिक खाद।
- विभिन्न फसलें उनके उत्पादक क्षेत्र।
- फसल उत्पादन के लिए आवश्यक कृषि कार्य और उपकरण।
- मानव निर्मित साधन एवं उसके क्रियाकलापों का प्रभाव
- वनों की कटाई और शहरीकरण, पारिस्थितिक संतुलन पर प्रभाव
- ओजोन क्षय, अम्लीय वर्षा, ग्लोबल वार्मिग, ग्रीन हाउस प्रभाव आदि के वैज्ञानिक कारणएवं निदान
- पालिथिन प्लास्टिक का उपयोग और उनकाअपघटक अपमार्जक
- जीवाश्म ईंधन के प्रयोग के प्रभाव
- आपदा प्रबंधन
- अंतरिक्ष विज्ञान
- अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का परिचय, उनके अंतरिक्ष मंे जीवन बिताने के अनुभव।
- अंतरिक्ष जीवन के वैज्ञानिक तथ्य, जीवन की संभावनाएं। अंतरिक्ष यान, अंतरिक्ष खोंजें एवं भविष्यवाणियां।
2. पेडागॉजिकल मुद्दे – 10 प्रश्न
- पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा और उसकी आवश्यकता।
- पर्यावरण अध्ययन का महत्व, समेकित पर्यावरणीय शिक्षा।
- पर्यावरणीय शिक्षा के सूत्र एवं दायित्व।
- पर्यावरणीय शिक्षा का विज्ञान और सामाजिक विज्ञान से सहसंबंध।
- अवधारणाओं के स्पष्टीकरण हेतु प्रविधियां और गतिविधियां ।
- परिवेशीय भ्रमण, प्रयोगात्मक कार्य, प्रोजेक्ट कार्य और उनका महत्व।
- चर्चा, परिचर्चा, प्रस्तुतीकरण और समूह शिक्षण व्यवस्था से सीखना।
- सतत-व्यापक मूल्यांकन – शिक्षण के दौरान प्रश्न पूछना, मुखर और लिखित अभिव्यक्ति के अवसर देना, वर्कशीट्स एवं एनेक्डॉटल रिकार्डका प्रयोग, बच्चे की पोर्टफोलियो का विकास करना, केस स्टउी और व्यक्तिगत प्रोफाइल से शिक्षण व्यवस्थाएं।
- पर्यावरणीय शिक्षा में शिक्षण सामग्री/ सहायक सामग्री और उसका अनुप्रयोग।
- स्थानीय परिवेश की पर्यावरणीय समस्याएं और उनके समाधान खोजने की क्षमता का विकास।
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